कर्जो काळो नाग हे

जाता जाता के गया , बूडा ठाडा लोग |
कर्जो काळो नाग हे , लख उपजावे रोग ||
लख उपजावे रोग , मूंगी आवे दवाई |
आंसू ढळता जाय , लोग हुणे लुगाई ||
के 'वाणी' कविराज , मले मूंडा मचकाता|
छिप छिप काढे दांत , भायला जाता जाता ||


कवि अमृत'वाणी'