राजस्थानी कविता कोष
Rajasthani Kavita Kosh
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आंबा वाया मोकळा
आम्बा
वाया
मोकळा
,
देशी
नाक्यो
खाद
।
पोता
-
पोती
खावता
,
मने
करेगा
याद
।।
मने
करेगा
याद
,
गजब
का
हा
दादाजी
।
ग्या
बेकुंठा
माय
,
कहे
धरती
माताजी
।।
के
‘
वाणी
’
कविराज
,
होचजो
लोग
-
लुगाया
।
कुण
-
कुण
करसी
याद
,
थां
कई
आम्बा
वाया
।।
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